किसी ने बाबा साहब की बातों को नहीं समझा:
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ऐसा भाषण दिया जिसने न सिर्फ संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की विरासत को सम्मान दिया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को भी दृढ़ता से दोहराया। उन्होंने इंदौर को “पारिवारिक रिश्ता रखने वाला शहर“ बताते हुए कहा कि इस नगर से उनका जुड़ाव सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी है।
30-4-2025 , इंदौर : कार्यक्रम की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “हमारे इंदौर के परिवार को एक बहुत बड़ा अघात पहुँचा है, ये सिर्फ एक राज्य की नहीं, पूरे देश की क्षति है। वसुंधरा ने अपने भाषण में कहा कि जब बाबा साहब अंबेडकर हमारे बीच थे, तब किसी ने उनकी बातों को नहीं समझा। लेकिन जब वे हमारे बीच से चले गए और उनके विचार पढ़े और भाषण सुने गए, तब सबको समझ आया कि वह कितने विशाल और दूरदर्शी व्यक्ति थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने उन्हें सिर्फ ’दलित’ के तौर पर देखा, जबकि बीजेपी ने उन्हें ’ललित’ माना, यानी उज्ज्वल, तेजस्वी, और दूरदर्शी। वसुंधरा ने अंबेडकर के एक प्रसिद्ध कथन को दोहराया, “हिम्मत इतनी रखो कि किस्मत भी छोटी लगने लगे।“ उन्होंने कहा कि आज हर गरीब व्यक्ति यही सोचता है कि जब बाबा साहब अंबेडकर संविधान बना सकते हैं, जिसे पूरा देश मानता है, तो हम क्यों नहीं आगे बढ़ सकते? उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब अंबेडकर जी के निधन के बाद उनके स्मारक बनाने की बात हुई थी, तब नेहरू जी ने किसी की नहीं सुनी।
लेकिन मोदी सरकार ने उनकी बात सुनी और उनके सम्मान में भव्य स्मारक बनाए हैं। उन्होंने बताया कि संसद भवन में अंबेडकर जी का चित्र लगाने का श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है, जिनके प्रयासों से यह संभव हो पाया। मुख्यमंत्री मोहन यादव की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश आज तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिस तरह से इंदौर आगे बढ़ा है, वैसे ही प्रदेश में कई ’इंदौर’ और बनने चाहिए।
इंदौर में वसुंधरा राजे का दमदार भाषण, इंदौर को बताया पारिवारिक रिश्ता रखने वाला शहर,किसी ने बाबा साहब की बातों को नहीं समझा
इंदौर से एनकाउंटर न्यूज की रिपोर्ट।
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