स्टेट प्रेस क्लब मप्र ने करवाई पत्रकारों को सैर पत्रकार साथियों ने दो दिन तक लिया भगोरिया मेले का आनंद

  अलीराजपुर  -मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचलों में हर साल होली से पहले मनाए जाने वाले पारंपरिक पर्व भगोरिया की धूम इस बार भी देखने को मिली। रंग, उमंग और मेल-मिलाप के इस पर्व को लेकर अलीराजपुर और झाबुआ सहित विभिन्न आदिवासी बहुल जिलों में खासा उत्साह नजर आया। इस दौरान पारंपरिक वेशभूषा में सजे आदिवासी युवक-युवतियां मेले में शामिल हुए और उत्सव का आनंद लिया।
इस साल भी स्टेट प्रेस क्लब, मध्य प्रदेश द्वारा पत्रकार साथियों के लिए दो दिवसीय भगोरिया टूर का आयोजन किया गया। भगोरिया सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि प्रेम, आत्मीयता और मेल-जोल का उत्सव भी है। यह पर्व होली से एक सप्ताह पूर्व शुरू होता है और आदिवासी समाज में इसे विशेष महत्व प्राप्त है। इस मौके पर युवक-युवतियां पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर चांदी के आभूषण पहनते हैं स्टेट प्रेस क्लब,म.प्र के 125 सदस्यों ने उठाया छकतला, अलीराजपुर के भगोरिया का लुत्फ़ 
और पारंपरिक नृत्य करते हुए मेले में भाग लेते हैं।
इस दौरान इंदौर और अन्य स्थानों से आए करीब 125 पत्रकारों ने अलीराजपुर के भगोरिया मेले को कवर किया। इस अवसर पर अलीराजपुर कलेक्टर अभय बेड़ेकर और एसपी राजेश व्यास भी पहुंचे, जिनका स्टेट प्रेस क्लब की टीम ने सम्मान किया। भगोरिया का यह उत्सव न केवल आदिवासी संस्कृति की झलक पेश करता है, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों को भी एक अनूठा अनुभव देता है। मेले में लगे पारंपरिक खेल, खानपान के स्टॉल और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि भगोरिया सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि पारंपरिक रीति-रिवाजों और सामाजिक मेल-मिलाप को बढ़ावा देने वाला पर्व भी है। वहीं, प्रशासन ने भी सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा, जिससे मेले का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सका। भगोरिया का यह पर्व आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा और मेल-मिलाप का प्रतीक है। इंदौर से एनकाउंटर की रिपोर्ट।

आदिवासी अंचलों में भगोरिया की धूम
परंपरा, प्रेम और उमंग का पर्व भगोरिया

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