पद्मश्री जगदीश जोशीला की भव्य अगवानी निमाड़ी भाषा में 28 उपन्यास लिखने वाले पहले साहित्यकार
जिस मिट्टी ने उन्हें शब्द दिए, उसी के सम्मान में उन्होंने कलम चलाई। जिस भाषा में दुनिया ने साहित्य को महसूस किया, उसी भाषा को जगदीश जोशीला ने गरिमा दी। अब जब देश ने उन्हें ‘पद्मश्री’ से नवाज़ा, तो इंदौर ने अपने इस निमाड़ी सपूत को सिर-आंखों पर बिठा लिया। इंदौर में आज जोशीला सम्मान का उत्सव बना।
29-05-25 इंदौर। पद्मश्री का मेडल सीने पर, पर आंखों में वही निमाड़ की विनम्रता। नाम है जगदीश जोशीला, जिन्होंने निमाड़ी भाषा में 28 उपन्यास लिखकर इतिहास रच दिया। इंदौर शहर आज उनका स्वागत कर रहा था। इंदौर का एमरॉल्ड गार्डन, लोधीपुरा, मल्हारगंज, हर कोना आज ‘जोशीला’ के नाम से गूंज रहा था। मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल के गौरव, साहित्यकार श्री जगदीश जोशीला को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा हाल ही में ’पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया है।
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उनके इसी ऐतिहासिक सम्मान के उपलक्ष्य में आज एमरॉल्ड गार्डन में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों समाजजन, साहित्यप्रेमी और शहरवासी मौजूद रहे। जोशीला जी के सम्मान में इंदौर के लोधीपुरा क्षेत्र में क्षत्रीय साल्वी समाज के पदाधिकारियों अध्यक्ष महेश सिंदूरिया, राजेश सिंदूरिया, कपिल सिंदूरिया, राहुल सिंदूरिया समेत समस्त समाजजनों ने उनका माल्यार्पण कर भावपूर्ण स्वागत किया। इसके अलावा मल्हारगंज क्षेत्र में भी सम्मान समारोह का आयोजन हुआ, जहां स्थानीय लोगों ने इस निमाड़ी धरोहर को कंधों पर बैठाया। इस अवसर पर जोशीला ने कहा कि ये सम्मान मेरा नहीं, निमाड़ की मां-भूमि का है। मेरी मां निमाड़ी भाषा और मेरे जनपद का यह गौरव है। अब मैं अपने शेष जीवन को सनातन धर्म और मानवता की सेवा में अर्पित करना चाहता हूं। उन्होंने निमाड़वासियों से आह्वान किया कि अपनी मातृभाषा को जीवन का आधार बनाएं। निमाड़ी को भाषा का दर्जा दिलवाना हम सबका कर्तव्य है। जोशीला के प्रमुख कार्यों में संत सिंगाजी महाराज, टंट्या मामा, देवी अहिल्याबाई होलकर, और शंकराचार्य पर आधारित उपन्यास शामिल हैं, जो निमाड़ी संस्कृति और सनातन मूल्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाते हैं। उनकी लेखनी ने निमाड़ की लोकगाथाओं को साहित्य की मुख्यधारा में स्थान दिलाया है, और यही वजह रही कि आज इंदौर ने उन्हें प्रेम और गर्व के साथ सम्मानित किया। इंदौर से एनकाउंटर न्यूज की रिपोर्ट।
बाइट- जगदीश जोशीला, पद्मश्री से सम्मानित
सुपर
पद्मश्री जोशीला का जोश भरा स्वागत
निमाड़ से इंदौर तक गूंजा सम्मान
पद्मश्री जगदीश जोशीला की भव्य अगवानी
निमाड़ी भाषा में 28 उपन्यास लिखने वाले पहले साहित्यकार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया पद्मश्री से सम्मानित
एमरॉल्ड गार्डन, लोधीपुरा और मल्हारगंज में हुआ भव्य स्वागत
क्षत्रिय साल्वी समाजजनों ने किया गौरवपूर्ण सम्मान
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