इंदौर जिले प्रारंभ हुआ जल गंगा संवर्धन अभियान
30-3-2025 । इंदौर जिले प्रारंभ हुआ जल गंगा संवर्धन अभियान जिले में जगह-जगह आयोजित किये गये कार्यक्रम। तीन माह के अभियान में नये तालाब बनेंगे, पुराने तालाबों, बावड़ियों तथा कुँओं का होगा जीर्णोद्धार-सघन वृक्षारोपण भी किया जायेगा।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार इंदौर जिले में आगामी तीन माह तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान का आज शुभारंभ हुआ। पहले दिन आज जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिये जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किये गये। अभियान के अंतर्गत जहां एक ओर नये तालाब बनाये जायेंगे, वहीं दूसरी ओर पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार कराया जायेगा। साथ ही सघन वृक्षारोपण भी होगा। इसके लिए जिले में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। यह अभियान आगामी 30 जून तक सतत चलेगा।
यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार प्रारंभ किया गया है। यह अभियान जन-जन के जीवन से जुड़ा महत्वपूर्ण अभियान है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बताया कि इस अभियान को सभी के सहयोग से जन आंदोलन के रूप में चलाया जायेगा। अभियान में जल संरक्षण के साथ ही वृक्षारोपण पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। अभियान के तहत शुरूआत में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले तालाबों, जल स्रोतों तथा देवालयों में जल संरक्षण के कार्य किये जायेंगे। इस अभियान में जल स्रोतों और देवालयों की सफाई की योजना बनाई जाएगी। यह संतों, जन प्रतिनिधियों, स्थानीय समुदाय और सरकार के संयुक्त प्रयास से संचालित होगा, जिसमें मशीन, सामग्री व श्रम का समुचित नियोजन किया जाएगा । कार्य पूर्ण होने पर वरुण पूजन और जल अभिषेक होगा तथा रखरखाव की जिम्मेदारी स्थानीय समुदायों को दी जाएगी।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन ने बताया कि अभियान के पहले दिन आज ग्रामीणों के सहयोग से विभिन्न ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर जिला पंचायत के माध्यम से जल संरक्षण संबंधी विभिन्न कार्यों की शुरूआत की गयी। आज जिले के महू जनपद पंचायत के ग्राम जामबुजुर्ग में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें तालाब निर्माण कार्य की शुरूआत की गयी। इसी तरह गाँव में वर्षा जल को सहजने के लिये बोल्डर चेकडेम के निर्माण भी प्रारंभ किये गये। इसी प्रकार रामपुरिया ग्राम में भी ग्रामीणो के सहयोग से चेकडेम निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। अन्य ग्राम पंचायतों में भी कार्यक्रम आयोजित किये गये।
इसी प्रकार इंदौर जनपद के ग्राम झलारिया में तालाब की साफ-सफाई का काम हाथ में लिया गया। इसी जनपद पंचायत के ग्राम खुडैल खुर्द में भी तालाब की सफाई के कार्य की शुरुआत की गयी।
बनेंगे 19 नये अमृत सरोवर
जिले में गत वर्ष चलाये गये अभियान के तहत 101 नये अमृत सरोवर बनाये गये थे। इन सरोवरों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी। अभियान में अमृत सरोवर 2.0 के तहत 19 नए तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर लगभग 4 करोड़ 18 लाख रुपये व्यय होना संभावित है । अब तक 10 स्थलों का चयन हो चुका है, जबकि शेष का चयन 30 मार्च 2025 तक वैज्ञानिक (GIS) पद्धति से किया जाएगा ।
तालाबों से हटेंगे अतिक्रमण
अभियान के तहत राजस्व विभाग के साथ तालाबों का सीमांकन किया जायेगा। राजस्व अभिलेखों में नवीन तालाबों को दर्ज किया जायेगा। तालाबों पर अतिक्रमण को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी। तालाबों की सीमा को दर्शाने हेतु चॉदे-मुनारे बनाये जायेंगे। तालाबों का जन भागीदारी से गहरीकरण होगा । मनरेगा एवं अन्य योजनाओं से तालाब का जीर्णोद्धार और सुदृढ़ीकरण किया जायेगा। तालाबों में जल की आवक बढ़ाने के लिये इनलेट क्षमता बढ़ायी जायेगी। तालाबों के पास पौधारोपण होगा । उपयोगकर्ता समूह बनाकर संधारण एवं रख रखाव किया जायेगा।
नदियों के स्त्रोत के कैचमेंट पर होंगे कार्य
जिले की महत्वपूर्ण नदियों के स्त्रोत से वाटरशेड क्षेत्र में जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्य किये जायेंगे । रिमोट सेंसिंग और फील्ड सर्वेक्षण के आधार पर कार्ययोजना बनाकर एक वर्ष के भीतर कार्य पूर्ण किया जाएगा । गेबियन संरचना, ट्रेंच, वृक्षारोपण, चेकडेम तालाब आदि कार्य समुदाय की भागीदारी से किये जायेंगे।
पूर्व निर्मित जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार
पूर्व में उपयोगी रहे लेकिन वर्तमान में अनुपयोगी चेकडेम व स्टॉप डेम का सर्वेक्षण किया जाएगा । सर्वेक्षण के आधार पर जीर्णोद्धार की कार्ययोजना तैयार कर कार्य किये जायेंगे। गाद निकालने में समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी । ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक कुँओं की मुण्डेर को सुव्यवस्थित किया जायेगा।
वृहद वृक्षारोपण
महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वर्षाकाल में वानिकी व उद्यांनिकी पौधरोपण के लिए पारंपरिक जल स्रोतों के निकट भूमि का चयन किया जाएगा। पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु समीपस्थ नर्सरियों का निर्धारण किया जाएगा, जिसमें एसएचजी संचालित नर्सरियों को प्राथमिकता मिलेगी।
युवाओं को जलदूत बनाया जायेगा
प्रत्येक ग्राम से 1-2 युवा महिला या पुरुष का चयन कर जलदूत बनाया जायेगा। ये जलदूत जीर्णोद्धार, सफाई, शासकीय योजनाओं में हितग्राही चयन और जल के सदुपयोग हेतु जनजागरूकता बढ़ाने में सहयोग करेंगे। जलदूतों का पंजीकरण भी किया जाएगा।
पानी चौपाल/पानी पंचायत/जल पंचायत भी होंगी
जल संरक्षण के महत्व एवं अभियान के उद्देश्यों की जानकारी देने, जनता को जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक करने, वर्षा जल का अधिकतम संरक्षण करने, भूजल संवर्धन कार्यों के विकल्प तैयार करने, आगामी वित्तीय वर्ष के जल संवर्धन से जुडे़ हुये कार्यों की रणनीति तैयार कर इन कार्यों को क्रियान्वित करवाने के लिए पानी चौपाल/पानी पंचायत/जल पंचायत भी होंगी।
तालाबों का जन भागीदारी से गहरीकरण होगा । मनरेगा एवं अन्य योजनाओं से तालाब का जीर्णोद्धार और सुदृढ़ीकरण किया जायेगा। तालाबों में जल की आवक बढ़ाने के लिये इनलेट क्षमता बढ़ायी जायेगी। तालाबों के पास पौधारोपण होगा।
ENCOUNTER NEWS M.P.
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