आज का युवा हताश न हो। आपके भीतर असीम ऊर्जा है। बाबा साहेब की तरह सोचो, पढ़ो और समाज को बदलो .. Spreading Smiles

🌟 प्रतिभा सम्मान समारोह 2025

शिक्षा, संघर्ष और सम्मान का महापर्व:

बस्तियों से उठते सपनों को मिला मंच, बाबा साहेब को समर्पित थ्रेड आर्ट ने रचा वर्ल्ड रिकॉर्ड

इंदौर, ll
श्रमिक बस्तियों के होनहार विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए Spreading Smiles संस्था द्वारा आयोजित ‘प्रतिभा सम्मान समारोह 2025’ इस वर्ष एक ऐतिहासिक सामाजिक उत्सव बन गया। यह न केवल शिक्षा और संघर्ष की प्रेरणादायक कहानी थी, बल्कि एक सांस्कृतिक और भावनात्मक क्रांति भी थी।

विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस भव्य कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद श्री शंकर लालवानी, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायक श्री महेंद्र हार्डिया, मेयर इन काउंसिल के सदस्य श्री नंदकिशोर पहाड़िया नगर भाजपा पूर्व अध्यक्ष श्री गौरव रणदीवे, पूर्व डीआईजी श्री धर्मेन्द्र चौधरी, पूर्व पार्षद श्री गणेश चौधरी, और नगरीय महामंत्री श्रीमती सविता अखंड, युवा नेता मनोज परमार व संस्था संरक्षक राहुल जैन, भाजपा नेता शिवेंद्र सिंह चौहान एवं भाजपा नेता अनमोल यादव, भाजपा नेत्री कविता सागर रमन, सहित शहर की अनेक जानी-मानी हस्तियों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को गौरवान्वित किया।

🧵 बाबा साहेब के थ्रेड आर्ट ने रचा इतिहास – 11x11 फीट का विश्व रिकॉर्ड

इस समारोह की एक ऐतिहासिक झलक बनी 11x11 फीट की थ्रेड आर्ट पेंटिंग, जो बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को समर्पित थी। इसे सिर्फ धागों से बुनकर तैयार किया गया और यह विश्व की सबसे बड़ी अम्बेडकर थ्रेड आर्ट बनकर वर्ल्ड रिकॉर्ड की प्रक्रिया में शामिल है।

इस अद्भुत कलाकृति का अनावरण कैबिनेट मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने किया। उन्होंने कहा:

“इस थ्रेड आर्ट में सिर्फ धागे नहीं हैं, बल्कि आत्मसम्मान, संघर्ष और प्रेरणा की बुनाई है। जब बस्ती का बच्चा बाबा साहेब को धागों से रचता है, तो वह सिर्फ कला नहीं बनाता — इतिहास गढ़ता है।”
🎤 संरक्षक अशोक अधिकारी का विचार:

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए संस्था संरक्षक श्री अशोक अधिकारी ने कहा:

“यह केवल प्रमाण-पत्र देने का अवसर नहीं, यह बस्तियों में आशा का दीप जलाने का प्रयास है। आज जिन बच्चों को हम सम्मानित कर रहे हैं, वे ही कल समाज की दिशा तय करेंगे — और यह तभी होगा जब हम अंकों की बजाय प्रयास को महत्व देंगे।”
💡 संस्थापक राहुल लोदवाल का भावनात्मक उद्बोधन:

संस्था के संस्थापक श्री राहुल लोदवाल, जो स्वयं एक श्रमिक बस्ती में पले-बढ़े हैं, ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा:

“हमारा उद्देश्य सिर्फ मेधावी बच्चों को नहीं, बल्कि अंतिम पंक्ति में खड़े उस विद्यार्थी को मंच देना है, जिसके पास किताबें भले कम हों लेकिन सपने बड़े हैं।”

“अगर कोई बच्चा 40% भी लाकर संघर्ष करता है, तो वह उतना ही काबिल है जितना कोई टॉपर। हमारे लिए अंकों से ज़्यादा ज़रूरी है उसकी जिद, उसका हौसला।”
📚 सम्मान का क्षण: जब मुस्कानें और आँसू एक साथ छलके

इस समारोह में ऐसे कई बच्चों को साइकिल, स्मार्टफोन, लैपटॉप और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया, जो विषम परिस्थितियों में भी पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों के चेहरों की चमक और अभिभावकों की आँखों में भरा गर्व इस बात का प्रमाण था कि यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था — यह एक क्रांति की शुरुआत थी।
🎤 मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने साझा किया अपना संघर्ष

मंच से बोलते हुए श्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी अपने जीवन के संघर्ष साझा किए और बताया कि कैसे वे बस्ती से उठकर आज इस मुकाम तक पहुँचे। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया:

आज का युवा हताश न हो। आपके भीतर असीम ऊर्जा है। बाबा साहेब की तरह सोचो, पढ़ो और समाज को बदलो।”

🙏 सहृदयता और आत्ममंथन

समारोह के अंत में राहुल लोदवाल ने मंच से कहा:

“अगर आयोजन में किसी को कोई असुविधा हुई हो, तो मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमा प्रार्थी हूँ। हम पूर्ण नहीं हैं, लेकिन दिल से प्रयास किया है।”

🎙 संचालन और आभार

इस आयोजन का भावपूर्ण संचालन नीरज संकट ने किया, और कार्यक्रम के अंत में संदीप महियार ने सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया।

📌 निष्कर्ष: एक आयोजन नहीं, एक आंदोलन

‘प्रतिभा सम्मान समारोह 2025’ अब केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुका है — जो यह साबित करता है कि जब समाज साथ खड़ा होता है, तो बस्तियों से भी देश के निर्माता निकलते हैं।

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