झलारिया तालाब शासकीय खसरे क्र. २०६ पर निर्मित अवैध धर्मशाला

 झलारिया तालाब शासकीय खसरे क्र. २०६  पर निर्मित अवैध धर्मशाला, तालाब कब्जाने की प्रयास 


इंदौर के झलारिया गांव में तो अधिकारीयों ने सारे आदेश पानी में बहा दिए हैं और तालाब का पानी भी। यहां तालाब के समीप शासकीय भूमि खसरा क्र. 206 पर धर्मशाला तन गई, अधिकारी चैन की नींद सोते रहे और अब सब कुछ ‘सही’ बताने की होड़ लगी है।

                        18-04-2025  ग्राम झलारिया,इंदौर  इंदौर के झलारिया तालाब, जहां सरकार के आदेशों की तो धज्जियां उड़ी ही हैं, तालाब खसरा 205 की भी मिट्टी पलीद कर दी गई है। सवाल ये नहीं कि ये गलत हुआ, सवाल ये है कि ये सब खुलेआम हुआ और सरकारी अमला आंखें बंद करके तमाशा देखता रहा। इंदौर के झलारिया गांव का तालाब आजकल खुद को कोस रहा है। सोच रहा होगा कि काश मैं भी कोई बिल्डिंग होता, तो मेरी इतनी दुर्गति न होती। यहां पंचायत भवन के सामने, पूरे 200 फीट तालाब जो की शासकीय खसरो पर लगभग 7.5 हैक्टर हैं, में मिट्टी-मुरम डालकर एक आलीशान धर्मशाला खड़ी कर दी गई। मामला जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन तक पहुंचा भी, लेकिन अफसरशाही का ‘गति मंत्र’ ऐसा चला कि शिकायत के बाद काम रुकने के बजाए और रफ्तार पकड़ गया। आज हालत ये है कि धर्मशाला उद्घाटन के लिए सज-धज कर तैयार है, और रिपोर्ट, जाँच शून्य ? वो अब भी “बन“ रही है, शायद ‘शिलालेख’ की तरह छपवाई जा रही है। 

                                                

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पटवारी मनोज पटेल जी कभी कहते हैं धर्मशाला ठीक है, कभी कहते हैं जमीन चरनोई की है। यानी गायों की, लेकिन गाय तो यहां दूरबीन से भी नहीं दिखतीं। झलारिया में तो ‘गौशाला’ भी तालाब में उग आई है, जहां गायें ढूंढने से भी नहीं मिलतीं, लेकिन गंदगी भरपूर मिलती है। जनपद अध्यक्ष विश्वजीत सिसौदिया का काम है तालाब बचाना, लेकिन यहां उनकी देखरेख में कब्जा महोत्सव चल रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष रीना सतीश मालवीय ने तो जैसे झलारिया का नाम सुनते ही आंखें फेर ली हैं। पटवारी मनोज पटेल के अनुसार तहसीलदार को जाँच रिपोर्ट दें चुके हैं, तहसीलदार शेखर चौधरी साहब को ढंग से इतने बड़े कब्जे की कोई जानकारी भी नहीं, वहीं एसडीएम बढ़कुल ज़ी के जवाब ही निराले थे, वेटलैंड पर अधूरा ज्ञान परोसने के अलावा विदेश तक की जमीनों का ज्ञान परोस दिया पर पालन के नाम पर प्रश्नचिन्ह और अपने ही क्षेत्र में  इतने बड़े कब्जे को लेकर बातो और शिकायतों को टाल मटोल करते रहे जो सम्भवतः संलिप्ता के साथ राजनितिक दबाव की और इशारा भी था।  

आखिर धर्मशाला बनाने का नेक काम चल रहा है, वो भी राजपूत समाज का, चंदा भी खूब जमा हुआ है, तो फिर तालाब जाए भाड़ में। 

अब आप सरकारी तर्क जानिए, जब पंचायत सचिव से पूछा गया कि किसने अनुमति दी? तो बोले हमें नहीं पता...“ लेकिन फिर उसी सांस में कह दिया कि काम सही है"। तालाब की सीमाएं तय करने वाले पटवारी जी बताते हैं कि पिछले साल सीमांकन हुआ था, लेकिन जब क्षेत्रफल पूछा गया तो याददाश्त धोखा दे गई। 

                                            


इसी सीमांकन के दम पर तालाब को रौंदा जा रहा है। मिट्टी, मुरम, मलबा भरकर तालाब को सड़क की लेवल तक ऊपर उठा दिया गया है, ताकि धर्मशाला के मेहमानों को कीचड़ में न चलना पड़े। तालाब के चारों ओर कब्जे करने की होड़ मची है, कहीं पाल पर मकान तान दिए गए हैं, तो कहीं कॉलोनी के गेट खड़े हो रहे हैं और मलबा कहां जा रहा है? सीधा तालाब में! तालाब ने क्या बिगाड़ा था इन सबका?  अब धर्मशाला का बहाना मिला तो तालाब को पूरी तरह जमींदोज़ करने का प्लान तेजी से अंजाम दिया जा रहा है। 

                                        

केंद्र और राज्य सरकार तालाबों को बचाने के लिए अरबों खर्च कर रही हैं, सुप्रीम कोर्ट रोज आदेश निकाल रहा है, लेकिन झलारिया में ये आदेश भी चाय की दुकान की ‘रद्दी’ से ज्यादा अहमियत नहीं रखते। यहां तो सरकारी अमला, समाज के ठेकेदार और कब्जेधारी, सब मिलकर तालाब के साथ शासकीय भूमि की भी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। साथ ही अवैध धर्मशाला निर्माण कार्य में पानी तालाब का लग रहा हैं जो की माननीय मंत्री महोदय के नाम से पुते हुए टैंकर से ही होता हैं, इसके अलावा तालाब में तकरीबन 2 हजार फ़ीट 6 इंच का पाइप डालकर तालाब के सामने खेत में चोरी किया जा रहा हैं और पटवारी मनोज पटेल साहब हॅसते हॅसते कहते हैं की सब पततपहंजपवद के लिए हैं, ज्यादा सवाल करने पर मोटर जब्त करने की बात करने लगे, अब बस देखना यह हैं की इन्दौर कलेक्टर आशीष सिंह ज़ी इस पर कड़ी कार्यवाही करेंगे या फोरी तौर पर आदेश पारित कर अवैध निर्माण को ध्वस्त करेंगे या जिले के तालाबो पर और शासकीय भूमियों पर कब्जे और निर्माण चलने देंगे। 

झलारिया तालाब में सरकारी कामधाम की बेजोड़ मिसाल, झलारिया तालाब में धड़ल्ले से अवैध धर्मशाला का निर्माण,तालाब की जमीन पर गाय गायब और धर्मशाला हाजिर


 इंदौर से एनकाउंटर न्यूज की रिपोर्ट।


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