ट्रेडमार्क के नाम पर नया विवादराम के नाम के साथ जोड़ा विवादित शब्द चिह्न की स्वीकृति वापस, सार्वजनिक नैतिकता का हवाला
नई दिल्ली - भारतीय ट्रेडमार्क रजिस्ट्री ने मंगलवार को राम नाम के साथ जोड़े जाने वाले विवादित शब्द के ट्रेडमार्क के पंजीकरण की स्वीकृति वापस ले ली। यह फैसला ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 की धारा 30 के तहत लिया गया, जिसमें सार्वजनिक नैतिकता और अपमानजनक शब्दों के पंजीकरण पर आपत्ति जताई गई।
रजिस्ट्री द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि यह चिह्न गलती से स्वीकार कर लिया गया था और धारा 9 एवं 11 के तहत आपत्तियों के अधीन था। आदेश के अनुसार, चिह्न को स्वीकृति देते समय यह माना गया कि यह ’चुटी’ और ’राम’ शब्दों का संयोजन है और विशिष्टता बनाए रखता है। हालांकि, बाद में यह चिंता व्यक्त की गई कि यह निंदनीय और अश्लील शब्दों के दायरे में आ सकता है। यह वापसी स्वीकृति के दो सप्ताह बाद और ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशन के ठीक एक दिन बाद की गई। इस मामले ने बौद्धिक संपदा कानून के विशेषज्ञों के बीच बहस छेड़ दी, जिसमें पंजीकरण प्रक्रिया की समीक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि चार सुनवाई में आवेदक की ओर से कोई प्रतिनिधित्व नहीं था, फिर भी चिह्न को स्वीकार कर लिया गया। ट्रेडमार्क अधिनियम की धारा 9(2)(सी) अश्लील और सार्वजनिक नैतिकता के विपरीत चिह्नों को पंजीकृत करने से रोकती है, लेकिन इस मामले में यह मानक कैसे दरकिनार हुआ, यह सवालों के घेरे में है। भारतीय कानून के तहत, किसी भी आपत्तिजनक या अश्लील शब्द को ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत करना प्रतिबंधित है। सार्वजनिक संवेदनशीलता को देखते हुए ट्रेडमार्क अधिकारियों को सतर्कता बरतनी होती है। इस विवाद के बाद, यह साफ हो गया है कि भविष्य में ऐसे शब्दों के पंजीकरण पर सख्ती बरती जाएगी।
ब्यूरो रिपोर्ट एनकाउंटर न्यूज।
ट्रेडमार्क के नाम पर नया विवाद राम के नाम के साथ जोड़ा विवादित शब्द चिह्न की स्वीकृति वापस, सार्वजनिक नैतिकता का हवाला
Disclaimer : News is as per the records available on "Bar and Bench web portal" as mentioned.
0 Comments